डायबिटिक रेटिनोपैथी यह एक ऐसा रोग है जो केवल उन लोगो को होता हैं जो लोग मधुमेह से पीडित हो। जिसमे आँखो की रोशनी कम या धुंदली हो जाती है। अगर आपको इस रोग के बारे में अभी तक पता नहीं है तो हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से यह कितने चरण में होता हैं? इसके क्या लक्षण हैं? यह रोग किस कारण होता हैं? इसका निदान कैसे किया जाता है और तो और इसपर उपचार कैसे करे इस बारे मे संपूर्ण जाणकारी हम आपको देणे वाले हैं तो कृपया इस आर्टिकल को शुरू से लेकर अंत तक अवश्य पढे़।

डायबिटिक रेटिनोपैथी – चरण  (Diabetic Retinopathy Stages)

Mild non proliferative diabetic retinopathy – इस स्टेज में रेटिना में जो रक्त वाहिका होती है उनके छोटे हिस्से में सूजन आती है।

Moderate non proliferative diabetic retinopathy – इस स्टेज में रेटिना में कुछ रक्त वाहिकाएं block हो जाएंगी जिससे रक्तस्राव हो सकता है

Severe non proliferative diabetic retinopathy – इस स्टेज में ज्यादा से ज्यादा रक्त वाहिका ब्लॉक हो जाती है जिसके कारण रेटिना के हिस्से को पूर्ण रूप से रक्त प्रवाह नहीं हो पाता है

Proliferative diabetic retinopathy – इस स्टेज में रेटिना में नई रक्त वाहिकाएं विकसित होने लगेंगी, लेकिन वो नाजुक और असामान्य होती हैं, इसलिए उनमें रक्त का रिसाव हो सकता है जिससे दृष्टि जा सकती है और संभवतः अंधापन भी हो सकता है।

Diabetic maculopathy – इस स्टेज में मैक्युला में रक्त वाहिकाएं लीक हो जाती हैं जो रेटिना का केंद्रीय क्षेत्र है जो हमें सबसे अच्छी दृष्टि प्रदान करता है

डायबिटिक रेटिनोपैथी – लक्षण (Diabetic Retinopathy Symptoms)

डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण अक्सर तब तक दिखते नहीं जब तक कि आंख के अंदर बड़ी समस्या ना हो। इसके कुछ लक्षण हम आपको बता रहे हैं।

  • धुंधली दृष्टि/ दृष्टि की हानि
  • फ्लोटर्स या काले धब्बे आना
  • रात में देखने में समशनहोना
  • रंगों को पहचान न होना

डायबिटिक रेटिनोपैथी – कारण (Diabetic Retinopathy Causes)

डायबिटिक रेटिनोपैथी की समस्या कुछ फैक्टर्स की वजह से होती जो हम आपको निचे बताने जा रहे हैं।

मधुमेह

अगर किसी व्यक्ती को लंबे समय तक मधुमेह हो और वो लोग उसे कंट्रोल में नहीं रखते उन्हे डायबिटिक रेटिनोपैथी होणे की संभावना है।

Medical conditions

हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी और भी मेडिकल कंडिशन्स डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा बढा देती है।

गर्भावस्था

गर्भावस्था वह समय है जिसके दौरान एक महिला के गर्भाशय (गर्भ) के अंदर एक या एक से अधिक संतानें विकसित (गर्भावस्था) होती हैं। तब भी इसका खतरा रहता है।

वंशपरंपरागत 

कभी कभी डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसे स्थिती वंशपरंपरागत भी हो सकती है।

जीवन शैली

बहुत ज्यादा बैठने और लेटने वाली जीवनशैली जिसमें बहुत कम या कभी भी व्यायाम नहीं होता। तब भी डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा बढता है।

आहार

अपने खान पान की वजह से भी बहुत सारी बिमारिया होती है जिसमे डायबिटिक रेटिनोपैथी भी सामील है।

मोटापा

अगर किसी व्यक्ती को मोटापा हो तो उन्हे भी डायबिटिक रेटिनोपैथी इससे खतरा हो सकता है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी – निदान (Diabetic Retinopathy Diagnosis)

अब हम आपको बता रहे हैं की आखिर इस रोग का निदान कैसे किया जाता है।

Visual acuity testing

इससे पीडित व्यक्ती की दृष्टी नापी जाती है।

Tonometry

इस टोनोमेट्री की मदद से पीडित व्यक्ती की आँखो में जो प्रेशर होता है वो नापा जाता है।

Pupil dilation

आंख की सतह पर डाली गई बूंदें पुतली को चौड़ा कर देती हैं, जिससे डॉक्टर को रेटिना और ऑप्टिक नर्व की जांच करने में आसानी होती है।

Comprehensive Dilated Eye Exam

इससे डॉक्टर को रेटिना की जाँच कर सकते है

  • रक्त वाहिकाओं में परिवर्तन या रक्त वाहिकाओं में leaking 
  • फैटी डिपाजिट 
  • मैक्युला की सूजन (डायबिटिक मैक्यूलर एडिमा)
  • लेंस में परिवर्तन
  • नर्व टिश्यू को नुकसान

Optical coherence tomography (OCT)

यह द्रव की मात्रा कितनी है ये पता करने के लिए रेटिना की फोटो बनाने के लिए लाइट वेव्स का उपयोग करता है।

Fundus fluorescein angiography (FFA)

इस परीक्षण के दौरान, आपका डॉक्टर आपकी बांह में एक डाई इंजेक्ट करेगा, जिससे उन्हें यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि आपकी आंख में रक्त कैसे बह रहा है। वे यह जाणणे के लिए आपकी आंख के अंदर घूम रही डाई की फोटो लेंगे कि कौन सी वाहिकाएं ब्लॉक, लीक हो रही हैं, कौनसी वाहीका टूटी हुई हैं।

डायबिटिक रेटिनोपैथी – उपचार (Diabetic Retinopathy Treatment)

किसी भी उपचार का लक्ष्य रोग की प्रगति को कम करना या रोकना है। नॉन-प्रोलिफ़ेरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी के शुरुआती चरणों में नियमित निगरानी ही एकमात्र उपचार हो सकता है। आहार, व्यायाम और इसके साथ साथ ही ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने से रोग की प्रगति को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इसके उपचार के कुछ तरीके हम आपको निचे बता रहे हैं।

Laser 

अगर आपकी बीमारी बढ़ती है तो ब्लड वेसल्स रेटिना में रक्त और तरल पदार्थ का लीक कर सकती हैं जिससे मैक्यूलर एडिमा हो सकती है। लेजर उपचार से इस लीक को रोका जा सकता है। फोकल लेजर फोटोकैग्यूलेशन में मैक्यूलर एडिमा को खराब होने से बचाने के लिए मैक्युला में एक विशिष्ट टपका हुआ वाहिका को लक्षित करने के लिए लेजर का उपयोग किया जाता है। रेटिना में व्यापक रक्त वाहिका वृद्धि, जो प्रोलिफ़ेरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी में होती है, उसका इलाज रेटिना में बिखरे हुए लेजर बर्न का एक पैटर्न बनाकर किया जा सकता है। इससे असामान्य रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और गायब हो जाती हैं।

Medical management

आंख में एंटी VEGF के दवा का इंजेक्शन मैक्युला की सूजन को कम करने, दृष्टि हानि को कम करने और शायद दृष्टि में सुधार करने में मदद कर सकता है। मैकुलर सूजन को कम करने के लिए आंख में स्टेरॉयड इंजेक्शन एक और ऑप्शन है। 

Surgical management

विट्रोक्टोमी में आंख के कांच के तरल पदार्थ से स्कार टिशू और रक्त को निकाला जाता है।

Conclusion 

हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से डायबिटिक रेटिनोपैथी के बारे संपूर्ण जाणकारी प्रदान की है। अगर आपको भी डायबिटिक रेटिनोपैथी से संबंधित कोई भी समस्या है तो आप कृपया हमारे Doctor Eye Institute  में अवश्य विज़िट करे या कृपया इस नंबर पे कॉल/Whatsapp करे – +919930309434