बुजुर्गों में सामान्य नेत्र रोग और उनका उपचार
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, शरीर के अन्य अंगों की तरह आंखों की क्षमता भी कम होने लगती है। विशेष रूप से 60 वर्ष की आयु के बाद आंखों से संबंधित समस्याएं आम हो जाती हैं। समय रहते इन रोगों की पहचान और उचित इलाज से न केवल दृष्टि को बचाया जा सकता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर बनाई जा सकती है।
बुजुर्गों में पाए जाने वाले सामान्य नेत्र रोग, उनके लक्षण, कारण और उपचार
1. मोतियाबिंद (Cataract)
लक्षण:
– धुंधली दृष्टि
– तेज़ रोशनी में देखने में परेशानी
– रंगों की चमक कम लगना
– रात में गाड़ी चलाने में कठिनाई
कारण : बुजुर्गों में मोतियाबिंद उम्र के कारण प्राकृतिक रूप से होता है, लेकिन मधुमेह, धूम्रपान और अधिक धूप में रहना इसे बढ़ा सकते हैं।
उपचार : मोतियाबिंद का एकमात्र प्रभावी इलाज सर्जरी है। आजकल लेजर तकनीक और फेको सर्जरी द्वारा बिना टांके के ऑपरेशन संभव है, जिससे मरीज जल्द ठीक हो जाता है।
2. ग्लूकोमा (काला मोतिया / Glaucoma)
लक्षण:
– आंखों में दबाव महसूस होना
– धीरे-धीरे दृष्टि का कम होना
– सिरदर्द
– अचानक देखने में कठिनाई
कारण : यह बीमारी आंख के अंदरूनी दबाव के बढ़ने के कारण होती है, जिससे ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचता है। यह अक्सर बिना किसी लक्षण के शुरू होता है, इसलिए इसे ‘साइलेंट थीफ ऑफ विज़न’ भी कहा जाता है।
उपचार:
– दवाइयां (आई ड्रॉप्स)
– लेजर ट्रीटमेंट
– सर्जरी (यदि दवाइयों से लाभ न हो)
– नियमित नेत्र परीक्षण से ग्लूकोमा की समय पर पहचान की जा सकती है।
3. उम्र संबंधी धब्बा रोग (Age-related Macular Degeneration – AMD)
लक्षण:
– सीधी रेखाएं टेढ़ी दिखना
– धुंधला या खाली केंद्रित दृश्य
– पढ़ने में परेशानी
कारण : यह रोग आंखों के रेटिना के केंद्र (मैकुला) को प्रभावित करता है और बुजुर्गों में दृष्टिहीनता का एक प्रमुख कारण है। धूम्रपान, उच्च रक्तचाप और आनुवांशिक कारण इसके जोखिम को बढ़ाते हैं।
उपचार:
– एंटी-VEGF इंजेक्शन
– लेजर थैरेपी
– पौष्टिक आहार (जैसे हरी सब्जियां, मछली, विटामिन A, C, E)
4. डायबिटिक रेटिनोपैथी
लक्षण:
– धुंधला दिखना
– एक या दोनों आंखों से अचानक दृष्टि जाना
– फ्लोटर्स या रोशनी की चमक दिखना
कारण : यह रोग मधुमेह के मरीजों में लंबे समय तक शुगर असंतुलन के कारण रेटिना की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने से होता है।
उपचार:
– लेजर ट्रीटमेंट (Photocoagulation)
– एंटी-VEGF इंजेक्शन
– विट्रेक्टॉमी सर्जरी
– मधुमेह को नियंत्रित रखना और साल में कम से कम एक बार आंखों की जांच कराना आवश्यक है।
5. सूखी आंखें (Dry Eyes)
लक्षण:
– जलन या चुभन
– आंखों में सूखापन
– रोशनी के प्रति संवेदनशीलता
कारण : बढ़ती उम्र में आंसू ग्रंथियां कम सक्रिय हो जाती हैं, जिससे आंखें पर्याप्त नमी नहीं बना पातीं। कंप्यूटर का अधिक उपयोग, दवाइयों के साइड इफेक्ट्स भी इसके कारण हो सकते हैं।
उपचार:
– आर्टिफिशियल टीयर ड्रॉप्स
– एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रॉप्स
– आंखों को बार-बार झपकाना और आंखों की सफाई रखना
आंखों की देखभाल के सुझाव:
– नियमित नेत्र जांच कराएं – हर 6-12 महीने में एक बार
– धूप का चश्मा पहनें – UV किरणों से बचने के लिए
– संतुलित आहार लें – हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, मछली
– धूम्रपान से बचें – यह रेटिना को नुकसान पहुंचाता है
– ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें
बुजुर्गों की आंखों की देखभाल करना केवल दृष्टि के लिए ही नहीं, बल्कि उनकी स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। समय पर पहचान और उपचार से कई नेत्र रोगों को रोका जा सकता है या नियंत्रित किया जा सकता है।
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