कौन सी विटामिन की कमी से आंख फड़कती है?
क्या आपने कभी अपनी पलकों के अचानक से हिलने-डुलने का अनुभव किया है? इसे आम भाषा में ‘आंख फड़कना’ या मेडिकल भाषा में ‘मायोकिमिया’ कहते हैं। यह एक सामान्य सी स्थिति है जो ज्यादातर हानीरहीत होती है और कुछ ही मिनटों या घंटों में अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन कई बार यह समस्या लगातार बनी रहती है, जिससे लोग परेशान हो जाते हैं और सोचने लगते हैं – “आखिर कौन सी विटामिन की कमी से आंख फड़कती है?“
आइए, इस सवाल का जवाब और आँख फड़कने के अन्य कारणों को विस्तार से समझते हैं।
आँख फड़कने का मुख्य विटामिन कारण
आँख फड़कने का सबसे प्रमुख विटामिन-संबंधी कारण मैग्नीशियम की कमी है। हालाँकि मैग्नीशियम एक मिनरल है, लेकिन यह विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विशेष रूप से विटामिन B12 के साथ मिलकर काम करता है। मैग्नीशियम हमारी मांसपेशियों और नसों के सही तरीके से काम करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसकी कमी होने पर मांसपेशियों में ऐंठन और अनैच्छिक कंपन होने लगते हैं, जिनमें पलकों का फड़कना भी शामिल है। इसके अलावा, विटामिन D की कमी भी शरीर में कैल्शियम के संतुलन को बिगाड़ सकती है, जो अप्रत्यक्ष रूप से मांसपेशियों की इस समस्या को बढ़ावा दे सकती है।
आँख फड़कने के अन्य प्रमुख कारण
विटामिन की कमी के अलावा, निम्नलिखित कारण भी आँख फड़कने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं:
– थकान और नींद की कमी: यह सबसे आम कारणों में से एक है। पर्याप्त आराम न मिलने पर आँखों की मांसपेशियां थक जाती हैं।
– तनाव: मानसिक तनाव शरीर पर कई तरह से असर डालता है, और आँख फड़कना इसका एक लक्षण हो सकता है।
– आँखों पर जोर: लगातार कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन के सामने बैठने, कम रोशनी में पढ़ने, या चश्मे का नंबर बदलने से आँखों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
– कैफीन और अल्कोहल का अधिक सेवन: इन पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकता है।
– आँखों में सूखापन: आजकल लंबे समय तक स्क्रीन देखने की वजह से आँखों में सूखेपन की समस्या आम हो गई है, जो आँख फड़कने का कारण बन सकती है।
आँख फड़कने से बचाव और उपचार
– संतुलित आहार लें: हरी पत्तेदार सब्जियाँ (पालक), केला, बादाम, दही और डेयरी उत्पादों का सेवन करें जो मैग्नीशियम और विटामिन B12 के अच्छे स्रोत हैं।
– पर्याप्त नींद लें: रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना जरूरी है।
– तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान और गहरी सांस लेने के व्यायाम से तनाव कम करें।
– आँखों को आराम दें: कंप्यूटर पर काम करते समय 20-20-20 का नियम अपनाएं। हर 20 मिनट पर 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें।
– कैफीन का सेवन सीमित करें: चाय, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन कम करें।
यदि आँख फड़कने की समस्या लगातार बनी रहे, आँखें लाल हों, सूजन दिखे, या पलकें पूरी तरह बंद होने लगें, तो तुरंत किसी नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। अगर आप या आपके परिवार में किसी की आँखों में लगातार फड़कन की समस्या बनी हुई है, तो इसे नजरअंदाज न करें। डॉक्टर आई इंस्टीट्यूट, मुंबई में हमारे अनुभवी नेत्र विशेषज्ञों की टीम सबसे आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके आपकी समस्या का सटीक निदान और प्रभावी इलाज प्रदान करती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या आँख फड़कना कोई गंभीर बीमारी का संकेत है?
ज्यादातर मामलों में नहीं। आँख फड़कना आमतौर पर एक सामान्य और हानिरहित स्थिति है जो थकान, तनाव या पोषक तत्वों की कमी से होती है।
2. आँख फड़कने से तुरंत छुटकारा कैसे पाएं?
आँखों पर हल्की-गर्म सिकाई करें, पर्याप्त आराम करें और कैफीन से दूरी बनाएं। कुछ मिनटों के लिए आँखें बंद करके गहरी सांस लेना भी फायदेमंद हो सकता है।
3. क्या विटामिन B12 की कमी से आँख फड़कती है?
हाँ, विटामिन B12 की कमी भी नसों और मांसपेशियों को प्रभावित करके आँख फड़कने का कारण बन सकती है।
4. आँख फड़कने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
यदि फड़कन कई दिनों तक बनी रहे, चेहरे की अन्य मांसपेशियों को भी प्रभावित करे, या आँख में दर्द, लालपन या सूजन हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
5. आँख फड़कने के लिए कौन सा डॉक्टर दिखाना चाहिए?
इसके लिए आपको एक नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmologist) से मिलना चाहिए।
6. क्या स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंख फड़क सकती है?
हां, मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन का लंबे समय तक इस्तेमाल आंखों पर दबाव डालता है, जिससे आंख फड़क सकती है।






